एक बार तेरी गोद में सर रखकर रोने दो मेरी दर्द की दरिया को बहने दो ऐ सहेली...जीने के दिन हैं ही दो तुम एक बार फिर मुस्कुरा दो
बिनती
बरसों मेघा बरसों जोर जोर से बरसों
मगर इतना जोर से नहीं कि, मेरी नजूक सखी बारिश में भीग न पाए बूंदों से खेल न पाए
फोटोग्राफर
लोगों के खुशियों को रंग-रंगीन तसवीर बनाकर उन के मीठे मीठे यादों को जोड़ कर उन्हें देता है फिर से याद करने के लिए.... और अपने लिए बचा लेता है उन यादों के बेरंग नेगेटिव्स और अनजान भीड़ वाला अकेलापन