स्थिति
फिर वही रासतें
फिर वही राह गुज़र
जाने हो या ना हो
मेरा घर वो नगर
ये कहानी नहीं
जो सुनादूँगा मै
जिंदगानी नहीं
जो गवाँ दूंगा मै
छाव भी धूप की तरह गुज़री मेरी
अब जो दीवार आए , गिरादूंगा मैं
तेरा आँचल रहा
आसमाँ की तरह
सारे मौसम गए
फिजा की तरह
साये की तरह
सब दूर होते गए
सिर्फ खुशबू रही
दिल की घाव की तरह