कल के सूरज
बिना चाँद की रात में
चमकती उस की मुस्कान है
सपने बुनती बैठी उस के गोद में
बिना चाँद की रात में
चमकती उस की मुस्कान है
सपने बुनती बैठी उस के गोद में
बच्चे का खिलता बचपन है
कहानी सुनाकर लोरी गा रही है
बच्चा तो बहाना है, खुद को सुनाती लोरी है
पेड़ों के झुण्ड से उठी ठंडी हवा
झोकें से बदन को छुआ है
पलकों में जमी नींद भी
झोंकें के संग चल बसी है
"माँ" कहतेहुए बच्चा दूध भरे सीने के और बढ़ा
हैअपने नुर्म स्पर्श से नाभि के गहराई में
चाहत कि चिंगारी भड़काया है
मगर उसे बुझानेवाले ने भटक भटक के घर को भूला है
जीवन के अँधेरी झोपड़ी मेंरोशनी घुसने के लिए छल्ले भी नहीं है
फिर भी वह औरत जीती है, रोशनी के इंतज़ार में
सीना चूसकर सपने जगानेवाले बच्चे के लिए
रोशनी लानेवाले "कल के सूरज" के उदय के लिए
कहानी सुनाकर लोरी गा रही है
बच्चा तो बहाना है, खुद को सुनाती लोरी है
पेड़ों के झुण्ड से उठी ठंडी हवा
झोकें से बदन को छुआ है
पलकों में जमी नींद भी
झोंकें के संग चल बसी है
"माँ" कहतेहुए बच्चा दूध भरे सीने के और बढ़ा
हैअपने नुर्म स्पर्श से नाभि के गहराई में
चाहत कि चिंगारी भड़काया है
मगर उसे बुझानेवाले ने भटक भटक के घर को भूला है
जीवन के अँधेरी झोपड़ी मेंरोशनी घुसने के लिए छल्ले भी नहीं है
फिर भी वह औरत जीती है, रोशनी के इंतज़ार में
सीना चूसकर सपने जगानेवाले बच्चे के लिए
रोशनी लानेवाले "कल के सूरज" के उदय के लिए
dattu u r great.i hav no words to say.......dearrrrrrr.veryyy nice,fantasticccc
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